भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शादियों के सीजन में संकट खड़ा हो गया है. अब शहर में घोड़ी के बगैर बारात सजेगी. ऐसे में जिन परिवारों में शादियों होना है उनकी परेशानी बढ़ गई है क्योंकि नगर निगम प्रशासन ने शहर में घोड़ों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. इस मामले में नगर निगम ने आदेश भी जारी कर दिया है. इस आदेश के बावजूद अभी भी शादियों में घोडों का प्रयोग हो रहा है. अब निगम अमले की परेशानी बढ़ गई है. कि वह घोड़ी पर बैठे दूल्हे को कैसे उतारे, फिलहाल निगम का आदेश हवा-हवाई हो रहा है.
भोपाल नवाबों का शहर हैं. नवाबी दौर से यहां तांगे और बग्गी का चलन चला आ रहा है. लेकिन नगर निगम प्रशासन के एक आदेश के बाद अब घोड़ों पर प्रतिबंध लग गया है. जिसकी वजह एक गंभीर बीमारी बताई जा रही है. जिसे ग्लैंडर रोग कहतें है. अब इस प्रतिबंध से सीजन में होने वाली शादियों पर असर भी पड़ेगा. नगर निगम प्रशासन ने घोड़ों पर तो प्रतिबंध लगा दिया है मगर आदेश का पालन कैसे हो यह परेशानी का सबब बना है. देश में घोड़ा पालन अच्छे स्तर पर होता है, घोड़ापालन करने वालो की अच्छी आय भी होती है. लेकिन इनके पालन के साथ-साथ इनकी सेहत और खान-पान का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है. यदि कोई घोड़ा बीमारी की चपेट में आ जाता है, तो पशुपालक को नुकसान उठाना पड़ता है.
इस बीमारी के लक्षण गले व पेट में गांठ पड़ जाना जुकाम होना (लसलसा पदार्थ निकलना) श्वासनली में छाले फेफड़े में इन्फेक्शन हो जाता है. नगर निगम ने ग्लैंडर बीमारी के चलते शहर में घोड़ो पर प्रतिबंध लगाया है.