ग्वालियर। जयारोग्य अस्पताल के ट्रॉमा सेन्टर में दोपहर करीब दो बजे अचानक बिजली गुल हो गई। मॉनिटर ब्लैंक हो गया..मरीजों की सांसे उखड़ने लगी, परिजन डॉक्टर एवं नर्सों के सामने गिड़गिड़ा रहे थे। लेकिन कोई भी सुनने वाला नहीं था। 20 मिनट बाद वेंटिलेटर चालू हो गए, लेकिन तब तक तीन मरीजों की सांसें थम चुकी थीं ।
परिजनों ने पूछा तो डॉक्टरों ने सीरियस बताकर चुप करा दिया। शाम 5 बजे महेन्द्र जाटव निवासी गोसपुरा उम्र करीब 38 साल एवं ओमप्रकाश धाकड़ उम्र करीब 40 साल निवासी किथमपुरा सबलगढ़ और राजेश उम्र 14 साल को मृत घोषित कर दिया गया। इस घटना के बाद पूर्व विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर ट्रॉमा सेन्टर पहुंचे और धरने पर बैठ गए।
दोपहर दो बजे जब बिजली गुल हुई तो राजेश पुत्र भूरा उम्र 14 साल निवासी काजोना सबलगढ़ की भी हालत बिगड़ गई थी। बच्चे के चाचा ज्ञान सिंह इधर से उधर परेशान होते रहे लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। बिजली जाने से पहले बच्चे की एक आंख से आंसू बह रहे थे, लेकिन लाइट आने के बाद से बच्चे में मूवमेंट बंद हो गया।
बार-बार कहने पर भी जब डॉक्टर नहीं आए तो परेशान होकर शाम करीब 5.15 बजे चाचा ने डॉक्टरों से कहा कि यदि बच्चा मर गया है तो पीएम के लिए ही भेज दो। परिजनों के मुताबिक इसके बाद बच्चे को वेंटिलेटर से हटा दिया गया, लेकिन तभी दो मौत पर हंगामा शुरू हुआ तो बच्चे को वापस वेंटिलेटर पर रख दिया गया। रात 9 बजे आखिरकार राजेश को भी डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया
क्या एसी वाले ने बंद किया था मैन स्वीच ?
ट्रॉमा सेन्टर में वर्तमान में एसी फीटिंग का काम चल रहा है। पुराने एसी खोलकर नए लगाए जा रहे हैं। दोपहर करीब दो बजे अचानक बिजली गुल कैसे हुई, कोई कुछ बताने की स्थिति में ही नहीं थे। बिजली कंपनी के अधिकारियों तक जो सूचना पहुंची है उसके अनुसार एसी लगाने के दौरान गलती से मैन स्वीच बंद कर दिया गया जिससे वेंटिलेटर की पॉवर सप्लाई प्रभावित हुई। एकाएक हुई दो मौतें के बाद जब हंगामा मचा तो आनन फानन में स्वीच फिर चालू कर दिया गया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
पूर्व विधायक पहुंचे
घटना की सूचना मिलते ही पूर्व विधायक प्रद्युम्न सिंह ट्रॉमा सेन्टर में पहुंचे। परिजनों से बातचीत करने के बाद वह धरने पर बैठ गए। उनकी मांग थी कि घटना की न्यायिक जांच की जाए, मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता दी जाए और इस प्रकार की घटना की दोबारा न हो इसके इंतजाम किए जाएं। हंगामे की सूचना मिलते ही जीआर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ एसएन आयंगर, जेएएच अधीक्षक डॉ जेएस सिकरवार सहित पुलिस प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए।
इनका कहना
हमने पड़ताल की है, ट्रामा सेंटर में बिजली गुल नहीं हुई थी केवल कुछ देर के लिए एक दो मॉनिटर की स्क्रीन जरूर बंद हुई थी दोनों मरीज पहले से ही ब्रेन डेड थी जिन्हें बचाना मुश्किल होता है।
– डॉ जेएस सिकरवार, अधीक्षक जयारोग चिकित्सालय समूह, ग्वालियर
हॉस्पीटल फीडर पर 29 मई को बिलकुल बिजली ट्रिप नहीं हुई है। इसका पूरा डाटा हमारे पास है। उनकी आंतरिक गलती से बिजली आपूर्ति बंद हुई है। अस्पताल को अपनी गलती को तलाशना चाहिए।
अक्षय खरे, महाप्रबंधक सिटी सर्कल