बरेली। उत्तर प्रदेश में गाय के इलाज के लिए एक लड़की ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। दरअसल महिला का कहना है कि वह लकवाग्रस्त गाय के लिए इलाज के उसे बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) ले जाना चाहती है। मगर गोरक्षकों के डर की वजह से कोई भी ड्राइवर गाय को मेरठ से बरेली ले जाने को तैयार नहीं है। 24 साल की ज्योति ठाकुर 13 नवंबर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से ट्विटर पर मदद मांग रही हैं। अभी इनमें से किसी भी नेता ने अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है। मामले में ज्योति ठाकुर कहती हैं, ‘मेरी गाय मोनी 28 अक्टूबर को बीमार हो गई। एक निजी डॉक्टर से उसका इलाज भी कराया गया। लेकिन दो दिन बाद मोनी अचानक जमीन पर गिर गई। तब मैं उसे सरकारी हॉस्पिटल लेकर गई। मगर वहां भी कोई फायदा नहीं हुआ।’ ज्योति ठाकुर आगे कहती हैं कि डॉक्टर ने मुझे आईवीआरआई जाने की सलाह दी, क्योंकि उनके पास ना तो एक्सरा करने के उपकरण है और ना ही विशेष इलाज की कोई सुविधा है।मामले में पशुचिकित्सा चीफ ऑफिसर डॉक्टर अरविंद सिंह कहते हैं, ‘गाय के पिछले हिस्से में लकवा मार चुका है। डॉक्टर्स उसका इलाज कर रहे हैं। मगर ट्रांसपोर्ट की सुविधा को लेकर हम उनकी कोई मदद नहीं कर सकते। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि हमारे पास ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं है।’
दूसरी तरफ मेरठ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष गौरव शर्मा का कहना है कि ये वो समाज विरोधी तत्व हैं, जो पूरे कागज होने के बाद भी ड्राइवर्स और सहायक को धमकाते हैं। इसलिए लोगों ने पशु के लिए ट्रांसपोर्ट की सहायता लेना बंद कर दिया है।हालांकि उन्होंने पशु-कृषि विभाग और मेरठ पशुचिकित्सा चीफ ऑफिसर से भी मदद मांगी, मगर दोनों ने ही सहायता करने में असमर्थता जताई। बीते गुरुवार को ठाकुर ने जिला न्यायधीश से भी मुलाकात की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
यूपी ट्रक संचालक और ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण अवस्थी ने कहा कि सरकार ने भी अभी तक ऐसा कोई आश्वसन नहीं दिया है जिसमें ट्रांसपोर्ट्स खुद को सुरक्षित महसूस कर सके। इस दौरान जिला अध्यक्ष से बात नहीं हो पाई।