कटनी। केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। परियोजना के अंतर्गत जिले में संचालित 36 बाल श्रम विद्यालयों में उन बच्चों के नाम दर्ज पाए गए, जो पहले से ही स्कूलों में पढ़ रहे थे और परियोजना निदेशक श्रीमती रूपल तिवारी ने भी इन बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन सहित अन्य सुविधाओं की मांग से संबंधित प्रस्ताव जिला पंचायत को भेज दिया। कलेक्टर के व्ही एस चौधरी के निर्देश पर जब प्रशासनिक अधिकारियों ने इस प्रस्ताव की जांच की, तो बड़ी गड़बड़ी सामने आई। गड़बड़ियां सामने आने के बाद कलेक्टर ने राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना की निदेशक श्रीमती रूपल तिवारी के साथ ही 29 बालश्रम विद्यालयों के प्रभारी शिक्षक को नोटिस जारी करते हुए तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है।

गौरतलब है कि बाल श्रमिक बच्चों का उन्मूलन करने एवं उन्हें बाल श्रम से हटाकर शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत कटनी जिले के सभी आधा दर्जन विकासखण्डों में 36 बाल श्रम विद्यालयों का संचालन निजी संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है। करीब एक साल पहले शुरू हुए इन बाल श्रम विद्यालयों में उन बच्चों का नाम दर्ज किया जाना था, जो बालश्रम में लगे हुए हों। ऐसे बच्चों का सर्वे परियोजना के माध्यम से कराया जाना था लेकिन परियोजना के जिम्मेदार अधिकारियों ने शासन-प्रशासन की आंखों में धूल झोंकते हुए उन बच्चों का नाम बाल श्रम विद्यालयों में दर्ज कर लिया, जो पहले से विभिन्न शालाओं में अध्ययनरत थे।

1581 में 837 बच्चे स्कूलों में अध्ययनरत
बताया जाता है कि राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना एनसीएलपी के 36 बाल श्रम विद्यालयों के लिये 1581 बच्चों का चयन किया गया है।इसका खुलासा उस समय हुआ, जब परियोजना निदेशक श्रीमती रूनल तिवारी ने 29 बालश्रम विद्यालयों के बच्चों को मध्यान्ह भोजन का लाभ एवं शासन की अन्य सुविधाओं के संबंध में जिला पंचायत को प्रस्ताव भेजा। प्रस्ताव का परीक्षण विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयकों और जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कराया गया। जांच के बाद 837 बच्चे शासकीय शालाओं में दर्ज पाये गये। जिस पर कलेक्टर केवीएस चौधरी ने राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना के अन्तर्गत स्कूलों में दर्ज बच्चों के नाम श्रम विद्यालयों में भी दर्ज पाये जाने पर बालश्रम परियोजना की परियोजना निदेशक रुपल तिवारी को नोटिस जारी कर 3 दिन के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं, साथ ही 29 बालश्रम विद्यालयों के प्रभारी शिक्षक को भी नोटिस जारी किया गया है।
