दतिया। कोर्ट ने नाबालिग से कुकर्म और हत्या मामले में अभियोजन की दलीलों और गवाह-सबूतों के आधार पर पुलिस ने मुख्य आरोपी का दोष सिद्ध पाया और केस को विरल से विरलतम मानते हुए एक ही मामले में की दो अलग-अलग धाराओं में दो बार फांसी की सजा सुनाई और 85 हजार का जुर्माना किया.
न्यायाधीश श्री हितेंद्र द्विवेदी ने 10 वर्षीय नाबालिग बच्चे के साथ कुकर्म के आरोपी को फांसी की सजा सुनाई.विगत 2 मार्च 2018 को इंदरगढ में रहने वाले 10 वर्षीय बच्चे को उसके दोस्त नंदू उर्फ नंदकिशोर गुप्ता व एक नाबालिग लड़का अपने साथ रंग गुलाल दिलवाने के बहाने ले गए और दूर ले जाकर बच्चे के संग अप्राकृतिक कृत्य किया और बाद में उसकी हत्या कर लाश नहर में फेंक दी.आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए बच्चे के पिता को इंटरनेट के माध्यम से कॉल किया और कहा कि तुम्हारे लड़के का हमने अपहरण कर लिया है.फिरौती तैयार रखो.
पुलिस इस कॉल के सहारे आरोपियों तक पहुंच गई और आरोपियों को पकड़ कर सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने सच उगल दिया. कोर्ट ने अभियोजन की दलीलों और गवाह-सबूतों के आधार पर पुलिस ने मुख्य आरोपी का दोष सिद्ध पाया और केस को विरल से विरलतम मानते हुए एक ही मामले में की दो अलग-अलग धाराओं में दो बार फांसी की सजा सुनाई और 85 हजार का जुर्माना किया. वहीं इस कांड के नाबालिग आरोपी का मामला अभी बाल न्यायालय में विचाराधीन है.