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पत्नी से परेशान बैंक मैनेजर पति रो रो कर मांग रहा तलाक

       

भोपाल। लव मैरिज में नए जोड़ों के बीच अलगाव के मामले तो बहुत सुने होंगे, लेकिन कुटुंब न्यायालय में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें प्रेम विवाह के 22 साल बाद बैंक मैनेजर पति ने अपनी प्रोफेसर पत्नी से रो-रो कर तलाक मांगा है। काउंसिलिंग के दौरान पति यह कहते हुए रोने लगा कि पत्नी ने न मुझे समझा और न ही मान-सम्मान दिया। वह घर में भी कॉलेज की तरह लेक्चर देती है। हम दोनों के बीच प्यार नहीं रहा तो अब साथ रहने का कोई मतलब नही है।

काउंसलर का कहना है कि दोनों के बीच से प्यार खत्म हो गया है। दंपती के 18 व 14 साल के दो बच्चे हैं। उनके कारण भी दोनों साथ रहने को तैयार नहीं हैं।

कभी भी घर की जिम्मेदारी नहीं उठाई
पति का कहना है कि हम दोनों ने अपने घरवालों से अनुमति लिए बगैर प्रेम विवाह किया था। मैंने अपने घर में पत्नी को स्थान दिलाया, लेकिन उसने मुझे अपने घर वालों के सामने या खुद भी कभी मान-सम्मान नहीं दिया। मेरे घरवालों के साथ अच्छे रिश्ते नहीं बनाने दिए और न ही खुद बनाए। वहीं घर की जिम्मेदारियों में पत्नी ने कभी भी सहयोग नहीं किया। वह अपनी सैलरी का क्या करती है, यह मुझे नहीं पता है। बच्चों के महंगे स्कूल के फीस हो या अन्य खर्च, सब मैं पूरा करता हूं।

ससुराल कभी भी नहीं जाती

पति ने बताया कि मेरा घर बिहार में है। पत्नी कभी भी मेरे घर नहीं जाना चाहती है। मैं अपने माता-पिता का इकलौता बेटा हूं, लेकिन पत्नी के कारण घरवालों का ख्याल नहीं रखा। इस दौरान गंभीर बीमारी के कारण मेरी मां का देहांत हो गया, लेकिन पत्नी ने कभी उन्हें मां नहीं समझा। अब तो पिताजी की तबीयत भी खराब रहती है, लेकिन पत्नी के कारण वे मिलने नहीं जा पाते। वहीं पत्नी के मायके वाले मेरे घर और गाड़ी का इस्तेमाल करते हैं।

पत्नी का आरोप-सहकर्मी से शादी करना चाहते हैं पति

पत्नी ने आरोप लगाया है कि पति जब से छिंदवाड़ा में पदस्थ हुए हैं। तब से ऑफिस की सहकर्मी से उनका अफेयर चल रहा है। इसलिए मुझे तलाक देकर वह उससे शादी करना चाहते हैं। वहीं पति ने भी इस बात पर सहमति जताई कि ऑफिस की सहकर्मी की वे कभी-कभी मदद कर देते हैं। वह मुझे बहुत मान-सम्मान देती है।

बच्चों से भी बात की जाएगी

काउंसिलिंग के दौरान पति रोने लगा और वह किसी भी हाल में तलाक चाहता है। पत्नी का मायके वालों से ज्यादा लगाव है। दोनों पक्षों को फिर से काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया है। साथ ही बच्चों से भी बात की जाएगी।

शैल अवस्थी, काउंसलर, कुटुंब न्यायालय

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