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14 Mar 2025, Fri

नॉमिनी संपत्ति का हकदार नहीं होता: उत्तराधिकारी चुनना जरूरी, वसीयत बनवाएं

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नॉमिनी संपत्ति का हकदार नहीं होता: उत्तराधिकारी चुनना जरूरी, वसीयत बनवाएं  एक नॉमिनी आपकी संपत्ति का संरक्षक होता है। सही फैसले से यह सुनिश्चित हो सकता है कि आपके कानूनी उत्तराधिकारियों को उनकी विरासत सही और समय पर मिले। सरकार पिछले कुछ वर्षों से सभी वित्तीय संपत्तियों के लिए नामांकन सुविधाओं पर जोर दे रही है।

ऐसा कई बार हुआ है कि 25 साल के युवाओं से लेकर 50 साल तक के अधेड़ लोगों की मौत अचानक हो जाती है। वे दो दिन पहले तक स्वस्थ रहतेे हैं लेकिन अचानक एक दुखी कर देने वाली खबर आ जाती है।

 

ऐसे में मृतक ने अपनी संपत्ति यानी घर, बीमा, म्यूचुअल फंड, शेयर, एफडी या कोई भी ऐसी संपत्ति है, जिसका कानूनी उत्तराधिकार तय नहीं किया है तो फिर उसके परिवार को संपत्ति पाने के लिए कोर्ट कचहरी के साथ पैसा भी खर्च करना पड़ता है।

ऐसे में आपके न रहने पर परिवार को सारी संपत्तियां बिना किसी विवाद के मिल जाए तो इसके लिए विल यानी वसीयत बहुत जरूरी है। वसीयत न बनाने से परिवार को आपकी सारी संपत्तियों का पता नहीं होता है।

 

अन्य हकदार दे सकते हैं चुनौती

संपत्ति में कोई नॉमिनी व्यक्ति नहीं है, तो उत्तराधिकारियों को उत्तराधिकार प्रमाण पत्र सिविल कोर्ट से लेना होगा। फिर वे संपत्ति पर दावा कर सकते हैं। आप नॉमिनी को कानूनी उत्तराधिकारी भी नियुक्त कर सकते हैं।

उदाहरण के तौर पर किसी व्यक्ति ने पत्नी को संपत्ति के लिए नॉमिनी रखा है। लेकिन उसने यह वसीयत बनवाया है कि उसकी संपत्ति को उसके बच्चों व माता-पिता के बीच समान रूप से बांटना चाहिए।

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ऐसे में फिर पत्नी को कुछ नहीं मिलता है। अगर पत्नी नॉमिनी के साथ कानूनी वारिस भी है तो फिर अन्य कानूनी उत्तराधिकारी वसीयत को चुनौती दे सकते हैं।

केवल संरक्षक हो सकता है नॉमिनी

एक नॉमिनी आपकी संपत्ति का संरक्षक होता है। सही फैसले से यह सुनिश्चित हो सकता है कि आपके कानूनी उत्तराधिकारियों को उनकी विरासत सही और समय पर मिले। सरकार पिछले कुछ वर्षों से सभी वित्तीय संपत्तियों के लिए नामांकन सुविधाओं पर जोर दे रही है।

 

जून 2022 में सेबी ने सभी म्यूचुअल फंड फोलियो के लिए नामांकन अनिवार्य कर दिया था। पहले इसकी समय सीमा 31 मार्च थी जो अब बढ़कर 30 सितंबर 2023 हो गई है। व्यक्ति के न रहने पर उसके परिवार को खुद को सही लाभार्थी साबित करने के लिए लंबी और थकाऊ प्रक्रिया से जूझना पड़ता है।

 

वसीयत में सभी का नाम दें

ऐसी परेशानियों से बचने के लिए अपनी वसीयत में सभी कानूनी उत्तराधिकारियों का नाम दें। यह भी बताएं कि आप उन्हें क्या देना चाहते हैं या नहीं। आप अपने जीवनसाथी और माता-पिता से लेकर दूर के रिश्तेदार और दोस्त तक किसी को भी नॉमिनी नियुक्त कर सकते हैं। आप किसी नाबालिग को उसके अभिभावक के बारे में जानकारी देने के बाद नॉमिनी भी नियुक्त कर सकते हैं।

 

नॉमिनी की पात्रता के संबंध में वित्तीय साधन का नियम है। उदाहरण के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन केवल परिवार के किसी सदस्य को नामांकित करने की अनुमति देता है, क्योंकि ईपीएफ की रकम सीधे नॉमिनी को जाएगी न कि उत्तराधिकारियों को।

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निवेश में एक से अधिक नॉमिनी भी रखने का मिलता है विकल्प

अधिकांश बचत और निवेश साधन आपको एक से अधिक नॉमिनी रखने की अनुमति देते हैं। यदि आप वारिसों के लिए हिस्सेदारी का उल्लेख करने में विफल रहते हैं, तो ऐसी स्थिति में दावा निपटान उन सभी के बीच समान रूप से किया जाएगा।

आप किसी दूसरे देश के नागरिक को भी अपना नॉमिनी बना सकते हैं। यह उन मामलों में मददगार है जहां बच्चे विदेश में बस गए हैं और एक अलग देश की नागरिकता हासिल कर ली है। हालांकि, कराधान के मुद्दों से बचने को विदेशी के लिए भारतीय पैन नंबर होना सबसे अच्छा है। बेची जा रही संपत्ति पर भारतीय कानूनों के अनुसार कर लगाया जाएगा।

उत्तराधिकारियों को सौंपनी होती है संपत्ति

आप चाहते हैं कि नॉमिनी को भी आपकी संपत्ति का हिस्सा मिले, तो इसे अपनी वसीयत में लिखना होगा क्योंकि नॉमिनी संपत्ति का हकदार नहीं होता है। एफडी रखने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो बैंक मृत्यु का प्रमाण देने के बाद नॉमिनी को आय सौंप देगा। नॉमिनी रकम को वारिसों को ट्रांसफर कर देगा।

 

By Ashutosh shukla

30 वर्षों से निरन्तर सकारात्मक पत्रकारिता, संपादक यशभारत डॉट काम