katni news अधिकारियों के षड्यंत्र से एक जीवित आदिवासी मृत घोषित हो गया। खुलासा हुआ तो पीड़ित रतिया कोल के पक्ष में विधायक संजय पाठक खड़े हुए साथ ही चेतावनी दी कि विजयराघवगढ़ में गरीब आदिवासी के साथ षड्यंत्र करने वाले बचेंगे नही, श्री पाठक ने कहा कि वह स्वयं कार्यवाही करवाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं भाई रतिया कोल के साथ हूं। पैसों की लालच में जिंदा को मृत घोषित करने वाले सभी षडयंत्रकारियों चाहे वह कर्मचारी हो या अधिकारी, उसके ऊपर FIR सहित कार्यवाही होनी चाहिए।
जानिए पूरा मामला
विजयराघवगढ़ के कलहरा पंचायत के मोहन टोला निवासी रतिया कोल पिता हरिप्रसाद कोल के साथ उसकी सड़क पर 0.55 हेक्टेयर करोड़ों रूपए की कीमती जमीन की लालच में दलालों एवं अधिकारियों की मिलीभगत से जीवित रतिया कोल को 1998 में मृत घोषित कर किसी अन्य रतिया बाई पति नत्थू कोल ग्राम गड़ौहा का मृत्यु प्रमाणपत्र लगाकर जमीन की दूसरों के पटवारी तहसीलदार के नाम फौती चढ़ा दी गई है। पटवारी ने झूठा सिझरा बनाकर कर जमीन कटनी के लोगों के नाम चढ़ा दी है इसमें तहसीलदार ने आवेदन लगाने के दस दिन के अंदर बिना किसी प्रकार की जांच इसतिहार निकाल जमीन कटनी निवासी पटवारी रामलाल कोल के रिश्तेदार फर्जी लोगों के नाम कर दी गई है।
इसमें जबलपुर एवं कटनी के दलाल पटवारी तहसीलदार नेहा जैन भी रूप से शामिल हैं। आज रतिया कोल ने विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक से भेंट कर पूरी वस्तुस्थिति बताई जिस पर विधायक संजय पाठक ने मृत घोषित हुए रतिया कोल को आश्वासन दिया की जो लोग इस षड्यंत्र में शामिल है चाहे अधिकारी कर्मचारी ही शमिल हों उन पर जांच करते हुए कार्यवाही एफआईआर दर्ज होगी ।
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