नई दिल्ली: मोदी सरकार ने किसानों, ग्रामीणों एवं गरीबों के जीवनस्तर को सुधारने के लिए सौगातों की बौछार करते हुए अगले वर्ष के बजट में खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत का डेढ़ गुना करने, उज्ज्वला योजना के लिए मुफ्त गैस कनेक्शन बढ़ा कर आठ करोड़ करने तथा दस करोड़ परिवारों को प्रति परिवार पांच लाख रुपए प्रतिवर्ष का चिकित्सा कवर देने की घोषणा की। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में मोदी सरकार के अंतिम पूर्ण बजट पेश किया। जेटली के सात उनकी टीम ने बजट पेश करने में काफी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई है।
बजट तैयार करने वाली टीम पर एक नजर
अरुण जेटली (केंद्रीय वित्तमंत्री)
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली के ऊपर बजट की गोपनीयता से लेकर इसको पेश करने तक की सारी जिम्मेदारी थी। जेटली की देखरेख में ही बजट की पूरी रूपरेखा तैयार की गई।
शिवप्रताप शुक्ला और पी. राधाकृष्णन (राज्य वित्तमंत्री)
राज्यमंत्री वित्त शिवप्रताप शुक्ला और पी राधाकृष्णन वित्त मंत्रालय में सहयोगी हैं। शुक्ला भाजपा से राज्यसभा सांसद हैं और राधाकृष्णन कन्याकुमारी से सांसद हैं। इन दोनों ने ही बजट भाषण तैयार करने में वित्तमंत्री की मदद की। वित्तमंत्री के बाद बजट का भार इनके ऊपर ही है। बजट के आगे की सारी जिम्मेदारी अब यही दोनों निभाएंगे।
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राजीव कुमार (वाइस चेयरमैन, नीति आयोग)
नीति आयोग की बागडोर संभाल रहे राजीव कुमार बजट टीम का अहम हिस्सा रहे क्योंकि राजीव अर्थशास्त्री भी हैं। नीति आयोग कई योजनाओं के खर्च और राज्यों को दिए जाने वाले फंड के बारे में इनपुट देता है।
हंसमुख अधिया (फाइनेंस सेक्रेटरी)
हंसमुख अधिया वित्त सचिव हैं और वे 1981 के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। 2003 से 2006 के बीच अधिया गुजरात में मोदी के मुख्य सचिव रह चुके हैं। नोटबंदी की पूरी प्रक्रिया की देखरेख इन्होंने ही की थी।
सुभाष चंद्र गर्ग (इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी)
आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव सुभाषचंद्र गर्ग विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं । रोजगार और निवेश पर इनको महारत हासिल है।
गर्ग 1983 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस हैं। गर्ग के हाथ में कैपिटल मार्केट है। साथ ही सरकार को कहां से पैसा लेना है ये भी गर्ग ही देखते हैं।
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राजीव कुमार (सचिव, वित्त सेवा विभाग)
राजीव कुमार 1984 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं। इन्होंने ब्यूरोक्रेट के ऑनलाइन परफॉरमेंस अप्रेजल रिपोर्ट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनकी जिम्मेदारी वित्तीय संस्थान, बैंक, इंश्योरेंस कंपनी और नेशनल पेंशन सिस्टम देखने की है।
नीरज कुमार गुप्ता (सेक्रेटरी डीआईपीएम)
सरकार विनिवेश कार्यक्रम की जिम्मेदारी यही देखते हैं। सरकार को विनिवेश से संबंधित सुझाव या राय भी नीरज देते हैं।
अजय नारायण झा (सचिव, व्यय विभाग)
एक्सपेंडिचर सेक्रेटरी अजय नारायण झा 1982 बैच के मणिपुर काडर के आईएएस अधिकारी हैं। वे वित्त आयोग के सचिव भी रह चुके हैं। बजट में सरकार के व्यय का लेखाजोखा इनकी जिम्मेदारी है।
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प्रशांत गोयल (ज्वाइंट सेक्रेटरी, बजट)
प्रशांत गोयल 1993 के यूनियन टेरेटरी कैडर के आईएएस ऑफिसर रह चुके हैं। वे 2015 से ज्वाइंट सेक्रेटरी बजट हैं। इनके निर्देश में ही पूरा बजट बनता है। ये वित्त मंत्रालय के सभी विभागों से संपर्क में रहते हैं और उसके मुताबिक बजट में बदलाव करते हैं। वित्त मंत्री के बजट भाषण में भी इनकी भूमिका काफी अहम रहती है।
अरविंद सुब्रह्मणयम (मुख्य आर्थिक सलाहकार)
सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार होने के नाते इनकी जिम्मेदारी देश की आर्थिक स्थिति पर नजर बनाए रखने की होती है। ये देश के अहम आर्थिक पहलुओं पर अपनी राय व सुझाव सरकार को देते हैं। यूनिवर्सल बेसिक इनकम का सुझाव भी सुब्रह्मणयम ने ही दिया था।