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14 Mar 2025, Fri

छेड़छाड़ से परेशान छात्रा ने लगा ली फांसी,लिखा-अब नहीं सहा जाता..

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भोपाल। लगातार होने वाली छेड़छाड़ से परेशान आरती अक्सर अपनी मां से पूछती थी …मां, क्या लड़की होना कलंक है, …और आखिर शनिवार को उसने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। मामला गौतम नगर इलाके का है जहां दुर्गा नगर में रहने वाली 19 वर्षीय आरती रॉय ने एक युवक की लगातार छेड़छाड़ से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। आरती गीतांजलि कॉलेज में बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। आरोपित दानिश नाम का युवक बताया जाता है जो आरती को लगातार एक महीने से परेशान कर रहा था। आरती इतनी दहशत में थी कि उसके रिश्तेदार और पड़ोसी उसे कॉलेज छोडने जाते थे। शनिवार को भी युवक ने आरती से छेड़खानी कर मारपीट की।

वह रोते-रोत घर पहुंची थी। फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है। गौतम नगर थाने के एसआई प्रहलाद मर्सकोले ने बताया कि जेपी नगर दुर्गा मंदिर गली में रहने वाली 19 वर्षीय आरती रॉय के पिता आपे चालक हैं और मां प्राइवेट काम करती हैं। छोटा भाई 9वीं में पढ़ता है। शनिवार शाम छह बजे जेपी नगर से सूचना मिली थी कि एक युवती ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। मौके पर पहुंचकर शव को फंदे से उतारा और उसका पंचनामा बनाकर पीएम के लिए हमीदिया अस्पताल भिजवाया। रविवार सुबह उसका पीएम कराने के बाद परिजनों को सुपर्द कर दिया गया है। परिजनों ने दानिश नाम के युवक पर उनकी बेटी से छेड़खानी की बात कही है। पुलिस युवक की तलाश कर रही ह

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 मुझे तो अब कॉलेज जाने में भी डर लगता है

मृतका आरती की मां आशा रॉय ने नवदुनिया को बताया कि बेटी आरती ने उनको दानिश नाम के युवक द्वारा एक माह से छेड़खानी करने की बात बताई थी। बेटी ने कहा था कि मां, क्या बेटी होना कलंक है। दानिश उसको आते-जाते रोजाना छेड़खानी कर परेशान करता है। मुझे तो अब कॉलेज जाने में भी डर लगने लगा है। उसकी शिकायत के बाद मौसी के लड़के और पड़ोसी उसे कॉलेज छोड़ने जाते थे। जिससे कुछ दिन तक वह सामने नहीं आया, लेकिन बेटियों को 24 घंटे घर में कैद करके कैसे रख सकते हैं। बीते तीन दिन से दानिश मेरी बेटी को ज्यादा ही परेशान कर रहा था।

आशा रॉय का कहना है कि शनिवार को दानिश ने उसके साथ मारपीट भी की थी। उसके पैर पर एक्टिवा चढ़ा दी थी। जिससे उसके पैर में चोट लगी थी। उसकी इस कारतूत के कारण बेटी कॉलेज से डेढ़ बजे ही घर लौटकर आ गई थी। जब बेटी ने फांसी लगाई तो बेटा घर के बाहर खेल रहा था। शाम को जब मैं घर पहुंची तो बेटी अपने दुपट्टे के फंदे पर झूल रही थी। उसके बाद पुलिस को सूचना दी।

‘शक्ति’ बोली- मरना हल नहीं, मनचलों का मुकाबला करो

31 अक्टूबर 2017 को हबीबगंज रेलवे स्टेशन के आउटर पर शक्ति (बदला हुआ नाम) के साथ चार बदमाशों द्वारा की गई ज्यादती ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया था। लेकिन शक्ति ने इन चारों का न केवल बहादुरी से मुकाबला किया था बल्कि खुद ही एक आरोपी को पकड़ कर पुलिस के हवाले भी किया। छेड़छाड़ से परेशान आरती के द्वारा आत्महत्या किए जाने से शक्ति भी दुखी है।

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शक्ति का कहना है मनचलों से डर कर आत्महत्या करना समस्या का हल नहीं है। लड़कियों को पूरी हिम्मत से इनका मुकाबला करना चाहिए। जब मेरे साथ वारदात हुई तो मैंने भी डरने के बजाए दरिंदों को सजा दिलाने का संकल्प लिया और ऐसा किया भी। नवदुनिया से बातचीत से शक्ति ने कहा कि जब तक लड़कियां खुद हिम्मत नहीं करेंगी उनकी कोई मदद नहीं कर सकता। ये लड़ाई लड़कियों को खुद ही लड़नी होगी बस थोडी सी हिम्मत दिखानी है फिर देखिए मनचले कैसे रास्ते पर आते हैं।

 

पढ़ने में होशियार थी आरती

आरती पढ़ने में काफी होशियार थी। इसी के चलते उसको कॉलेज की ओर से मोबाइल दिया गया था। वह अपने माता-पिता की इकलौती बेटी थी, वह पढ़ लिखकर मल्टी नेशनल कंपनी में काम करके एक सफल सीईओ बनना चाहती थी।

ऐसी घटनाओं को सख्ती से रोकने को कहा

यह घटना बेहद दुखद है, आरोपित को गिरफ्तार करने के निर्देश दे दिए गए हैं। पुलिस को इस तरह की घटनाओं को सख्ती से रोकने के लिए कहा गया है। – भूपेंद्र सिंह, गृहमंत्री, मप्र

 

By Ashutosh shukla

30 वर्षों से निरन्तर सकारात्मक पत्रकारिता, संपादक यशभारत डॉट काम

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