कपूरथला।एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह को 300 आई.एस.आई. साइबर जिहादियों ने हनी ट्रैप में फंसाकर ब्लैकमेल कर उससे गोपनीय जानकारी निकलवाई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये कराची के राना ब्रदर्स- साजिद और आबिद राना- ये नेटवर्क चलाते हैं। इसमें महिलाएं भी शामिल भी हैं। मारवाह दिल्ली में वायुसेना मुख्यालय में तैनात था। उसने इंटेलीजेंस अफसरों के साथ ही नेवी कमांडो को ट्रेनिंग भी दी थी। जांच से जुड़े पुलिस अफसर के मुताबिक दो पाकिस्तानी एजेंटों ने किरण रंधावा और महिमा पटेल के फर्जी नाम से मारवाह से फेसबुक और वॉट्सएप पर चैट किया और उसे अपने जाल में फंसाया। इसके बाद मारवाह ने उनको गोपनीय सूचनाएं भी भेजीं।
मारवाह पर कुछ समय तक निगाह रखने के बाद संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए 31 जनवरी को हिरासत में लिया गया। बुधवार को उसकी गिरफ्तारी के बाद गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया।
अम्बाला का रहने वाला अरुण मरवाहा पंजाब के कपूरथला स्थित सैनिक स्कूल का छात्र रहा है। उसने 1 मई 1971 को यहां 5वीं में एडमिशन लिया था। अप्रैल 1979 में यहीं से प्लस टू पास करने के बाद स्कूल छोड़ दिया था। ग्रेजुएशन के बाद 1983 में फाइटर पायलट कोर्स में सिलेक्ट होने के बाद एयरफोर्स जॉइन कर ली।