मैसूर। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि अगर उनकी पार्टी कर्नाटक की सत्ता में आई तो भाजपा कार्यकर्ताओं के हत्यारों को पाताल से भी खोज निकाला जाएगा। उन्होंने साफ कहा कि सिद्दरमैया सरकार का अंत अब निकट है। कर्नाटक में 12 मई को विधानसभा चुनाव होने हैं और भाजपा अध्यक्ष ने शुक्रवार से पुराने मैसूर क्षेत्र का दौरा शुरू किया है। इस क्रम में उन्होंने अंबाविलास पैलेस जाकर मैसूर के शाही परिवार से मुलाकात भी की। बाद में पत्रकारों से बातचीत में अमित शाह ने कांग्रेस शासन के दौरान 24 भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि हत्यारे खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
पुराने मैसूर से कांग्रेस को लगेगा बड़ा झटका
पुराने मैसूर क्षेत्र में पार्टी की “नव शक्ति सम्वेश” रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने उम्मीद जताई कि 12 मई को पुराने मैसूर क्षेत्र से कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और जद(एस) को उनके जीवन का सबसे बड़ा झटका लगेगा। जबकि भाजपा को यहां थोड़ा कमजोर माना जाता है। मालूम हो कि पिछले चुनाव में भाजपा को चार जिलों वाले इस क्षेत्र की 26 सीटों में से एक भी हासिल नहीं हुई थी। इस क्षेत्र को वोक्कालिंगा समुदाय का गढ़ माना जाता है और भाजपा के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी येद्दयुरप्पा इसी क्षेत्र से आते हैं।
“कमीशन सरकार” का चुनाव न करने की अपील
अमित शाह ने कहा कि सिद्दरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने की ताकत सिर्फ भाजपा में है क्योंकि देवेगौड़ा की पार्टी जद (एस) को यहां-वहां से सिर्फ कुछ ही सीटें हासिल हो पाएंगी। उन्होंने लोगों से “कमीशन सरकार” या ऐसी सरकार के बीच चुनाव करने के लिए कहा जो कर्नाटक को विकास के रास्ते पर आगे ले जा सके। बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली में सिद्दरमैया सरकार को “10 प्रतिशत कमीशन की सरकार” कहा था।
“मैंने गलती की पर कर्नाटक के लोग नहीं करेंगे”
हाल ही में दावेनगीर में सिद्दरमैया सरकार के भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए अपनी जुबान फिसल जाने का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा, “सिद्दरमैया और राहुल गांधी मेरी चूक से बहुत खुश हैं। मैंने गलती की थी, लेकिन कर्नाटक के लोग ऐसी गलती नहीं करेंगे। क्योंकि वे सिद्दरमैया सरकार को अच्छी तरह से समझ गए हैं।” उन्होंने सिद्दरमैया सरकार पर कर्नाटक के गौरव से खिलवाड़ करने का आरोप भी लगाया। राज्य सरकार टीपू सुल्तान की जयंती तो मनाती है, लेकिन जाने-माने कन्नड़ कवि कुवेम्पू और जाने-माने इंजीनियर एम. विश्वेश्वरैया की जयंती नहीं मनाती।