नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ दिल्ली में मंगलवार को भी भारी हिंसा हुई। सुबह से लेकर रात तक पत्थराजी और आगजनी की खबरें आती रहीं। सुबह मृतकों का जो आंकड़ा 2 था, वो शाम होते-होते 10 पर पहुंच गया। मंगलवार को इसलिए भी पूरे देश की नजर दिल्ली पर थी, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राजधानी में थे। इस बीच, मंगलवार को पहली बार सरकार हरकत में नजर आई। गृह मंत्रालय का कहना है कि भारी संख्या में बल भेजा गया है और हालात काबू में हैं।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक की अपील
दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि उपद्रवियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे पास पर्याप्त सुरक्षाबल है और MHA से पूरा सहयोग मिल रहा है।
दिल्ली हिंसा में लिंक, पीएफआई व भीम आर्मी के हाथ का संदेह
दिल्ली हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और भीम आर्मी का हाथ होने का संदेह है। पिछले दो दिनों से दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में हो रही आगजनी और फायरिंग की घटनाओं के साथ-साथ अलीगढ़ में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच लिंक भी मिला है। कुछ प्रमुख मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) के आधार पर उत्तर प्रदेश इंटेलीजेंस की रिपोर्ट में यह तथ्य उजागर हुए हैं।
- 08:07 PM
हिंसा को कठोरता से कुचले सरकार : परांडे
प्रयागराज। सीएए के विरोध के नाम पर हो रही हिंसा को लेकर विश्व हिदू परिषद (विहिप) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने सरकार से हिसा को कठोरता से कुचलने की मांग करते हुए ड्रोन से छतों पर यह जांच कराने को कहा है कि कहां-कहां पत्थर रखे हुए हैं। - 08:06 PM
हेड कांस्टेबल रतनलाल को शहीद का दर्जा देने की मांग
दिल्ली में सोमवार को उपद्रवियों की हिसा में जान गंवाने वाले हेड कांस्टेबल रतनलाल को शहीद का दर्जा देने की मांग उठी है। रतनलाल सीकर जिले के तिहावली गांव के रहने वाले थे। मंगलवार को उनके गृृह ग्राम से लेकर राजस्थान विधानसभा तक में उन्हें शहीद का दर्जा देने की मांग उठी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने उनके निधन पर दुख प्रकट किया है।